दुर्घटना होने पर बीमा कंपनी देती है 7.5 लाख रुपए तक का मुआवजा

 जब किसी व्यक्ति के वाहन से दुर्घटना हो जाती है तो सामने वाला पक्ष जिसका नुकसान हुआ है, वह हर्जाना वसूलने के लिए कोर्ट में आपके खिलाफ मामला दर्ज कराता है। सबूतों के आधार पर कोर्ट में मुआवजा राशि तय होती है। ऐसी स्थिति में थर्ड पार्टी व्हीकल इंश्योरेंस आपके काम आता है। लेकिन याद रखें, इंश्योरेंस कंपनी अधिकतम 7 लाख 50 हजार रुपए तक का ही मुआवजा दे सकती है। इससे अधिक राशि हुई तो बाकी आपको अपनी जेब से देनी पड़ेगी। हालांकि, मृत्यु या गंभीर चोट के मामले में मुआवजे की सीमा तय नहीं है। ऐसे मामले में जितना कोर्ट तय करे, उतना इंश्योरेंस कंपनी देने के लिए मजबूर होती है। नुकसान के मुआवजे का दावा एक बार से ज्यादा नहीं किया जा सकता।


अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और उनके जवाब




  1. टूव्हीलर का बीमा करवाने में व्यक्तिगत दुर्घटना भी कवर होती है क्या?


     


    हां, नए नियम के अनुसार वाहन मालिक का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा भी कवर होता है। ऐसी कई बीमा कंपनियां हैं जो अतिरिक्त प्रीमियम भुगतान करने पर बड़ी राशि वाला व्यक्तिगत दुर्घटना कवर देती हैं। इसके अलावा, पिछली सीट पर बैठी सवारी के लिए भी दुर्घटना कवर ले सकते हैं, इसके लिए अतिरिक्त प्रीमियम चुकानी होगी।


     




  2. कैशलेस गैरेज सुविधा का लाभ कैसे उठाएं?


     


    कैशलेस गैरेज सुविधा का लाभ उठाने के लिए यह जरूरी है कि वाहन की क्षति होने पर उसकी मरम्मत बीमा कंपनी के अधिकृत गैरेज में की जाएगी। इसके लिए ऑनलाइन नेटवर्क गैरेज की सूची देखें।


     




  3. टूव्हीलर बीमा पर जीएसटी है क्या?


     


    पहले सेवा कर और सेस कर 15% था, लेकिन जीएसटी के बाद आपको दोपहिया वाहन बीमा पॉलिसी खरीद पर 18% जीएसटी देना होगा।


     




  4. दुर्घटना के बाद वाहन मालिक के खिलाफ दावा कौन दायर कर सकता है?


     


    जिसकी प्रॉपर्टी को नुकसान हुआ है उसका मालिक, उसका वकील या मृतक का कानूनी वारिस।


     




  5. दुर्घटना में घायल होने पर या मृत्यु के मामले में मुुआवजा कैसे तय होता है?


     


    ऐसे मामलों में थर्ड-पार्टी कवर की लिमिट नहीं बताई जाती है। कोर्ट द्वारा राशि तय होने के बाद ही पूरा मुआवजा बीमा कंपनी देती है।


     




  6. दो पहिया वाहन में ऐड ऑन कवर क्या है?


     


    कई ऐड-ऑन हैं जिन्हें आप अपनी व्यापक पॉलिसी से जोड़ सकते हैं जैसे कि पीछे की सीट पर सवारी करने वाले सवार को व्यक्तिगत दुर्घटना कवर, शून्य मूल्यह्रास, इंजन संरक्षण, एनसीबी संरक्षण कवर, चालान पर वापसी, सड़क के किनारे सहायता, उपभोग्य कवर, इत्यादि।


     




  7. बीमा पॉलिसी किस कंपनी से लेना चाहिए?


     


    वाहन बीमा पॉलिसी केवल उस कंपनी से खरीदना बेहतर होता है, जिसके पास पैन-इंडिया में गैरेज का मजबूत नेटवर्क है। इससे आपके वाहन में हुई टूट-फूट के समय आपको कैशलेस की बेहतर सर्विस मिल सकेगी।